शनिवार 6 मार्च 2021 - 07:37
मकतब-ए- अहलेबैत समाज से बुराइयों को खत्म करने
के लिए सबसे अच्छा स्कूल है

हौज़ा / मेलबर्न के इमाम जुमा ने शुक्रवार को कहां की मकतब-ए अहलेबैत हमेशा उत्पीड़न और बर्बरता को सहन नहीं करता क्योंकि शिया समुदाय ने कर्बला से धैर्य की सीख ली है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लाम एकमात्र ऐसा धर्म है जिसमें मनुष्य की गरिमा और स्वाभिमान की रक्षा की जाती है। कुछ ऐसे तत्व जो इस्लाम को बदनाम करते हैं। मकतबे अहलेबैत समाज से बुराइयों को खत्म करने के लिए सबसे अच्छा स्कूल है। ये बात मेलबर्न के इमाम जुमआ, हुज्जतुल इस्लाम अल्लामा अशफाक वहिदी ने शुक्रवार को अपने एक खुतबे में इस्लामिक सेंटर ऑफ ऑस्ट्रेलिया के सेंट्रल से शुक्रवार को खुतबे  में बयान किए।

उन्होंने कहा कि यह हम सभी की जिम्मेदारी हैं कि दुनिया में इस्लाम की सच्ची तस्वीर पेश करें क्योंकि हर कोई आदमी इस्लाम का राजदूत है।
कुछ गिरोह इस्लाम की छवि खराब कर रहे हैं हम उनकी निंदा करते हैं। हम सब मिलकर उनके इरादों को विफल करेगें।

मौलाना अशफाक वहिदी ने फरमाया कि आज कोई भी क्षेत्र सुरक्षित नहीं है। हजारों निर्दोष लोगों का खून आतंकवाद, संप्रदायवाद और जातीय युद्ध के माध्यम से बहाया जा रहा है। ऐसे वातावरण में दुनिया के सबसे जिम्मेदार शासक को अपनी भूमिका निभानी होगी। नरसंहार और ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कदम उठाने की जरूरत है।

मौलाना अशफाक वहिदी ने फरमाया कि नरसंहार की आड़ में दुनिया में राजनीति कर रही ताकतों के खिलाफ आंदोलन चलाया जाना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र को भी ऐसी ताकतों के खिलाफ फिलिस्तीन यमन,इराक अफगानिस्तान, सीरिया, पाकिस्तान के खिलाफ तत्काल फैसला लेना चाहिए, जिसमें निर्दोष लोगों  का खून  बहाया जा रहा है।
अपनी जिम्मेदारियों का एहसास करना चाहिए और तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

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